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कौन हैं अरुण कुमार, जिनको कृष्ण गोपाल की जगह सौंपा गया संघ-बीजेपी में समन्वय का अहम काम

13-07-2021 18:03:13 IST

NEWS4, DESK REPORT
चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारकों की वार्षिक बैठक में एक बड़ा आंतरिक बदलाव करते हुए बीजेपी और संघ के बीच समन्वय (RSS-BJP Co-ordination) का काम वरिष्ठ प्रचारक अरुण कुमार (Arun Kumar) को सौंप दिया गया. सन 2015 से यह दायित्व सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल जी संभाल रहे थे. संघ के दायरे से बाहर बहुत कम लोग अरुण कुमार को जानते हैं. 
आइए जानते हैं कौन हैं अरुण कुमार और कैसा रहा है उनका सफरनामा.
 
बाल्यकाल से स्वयंसेवक हैं अरुण कुमार
अरुण कुमार अभी संघ के सह सरकार्यवाह हैं और उनका केन्द्र भोपाल है. वे संघ के बाल स्वयंसेवक हैं. मूलतः दिल्ली के हैं. जन्म से लेकर शिक्षा- दीक्षा सब दिल्ली में हुई. वे दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं. संघ में प्रचारक भी यहीं से निकले. पहले दिल्ली में संघ के जिला प्रचारक और विभाग प्रचारक का दायित्व निभाया. हरियाणा प्रांत प्रचारक रहे. फिर केन्द्रीय पदाधिकारी बने. जम्मू-कश्मीर में प्रांत प्रचारक के तौर पर महती भूमिका निभाई. जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र की परिकल्पना उनके दिमाग की ही उपज है. 
 
अमरनाथ श्राइन बोर्ड आंदोलन से मिली पहचान
संघ ने अरुण कुमार जम्मू-कश्मीर का प्रांत प्रचारक बनाकर भेजा. यह 2004 की बात है. तत्कालीन गुलामनबी आजाद सरकार ने जब बाबा अमरनाथ श्राइन बोर्ड भंग कर उसका नियंत्रण अपने हाथों में लिया तो उसके खिलाफ जोरदार आंदोलन चला. आंदोलन ने इतना उग्र रुप लिया कि सरकार को फैसला बदलने पर मजबूर होना पड़ा. परिणाम स्वरुप फिर से श्राइन बोर्ड बहाल हुआ. संघ में सब मानते हैं कि उस लंबे आंदोलन को जनांदोलन का रुप देने और उसे परिणाम तक पहुंचाने में अरुण कुमार ने प्रभावी और निर्णायक भूमिका निभाई. उस आंदोलन की सफलता ने अरुण कुमार की सांगठनिक क्षमता से पहली बार संघ नेतृत्व को प्रभावित किया.
 
संघ में तेजी से बदले दायित्व
2011 आते आते अरुण कुमार को संघ का राष्ट्रीय सह संपर्क प्रमुख बना दिया गया. तब अखिल भारतीय स्तर पर संपर्क प्रमुख का दायित्व मनमोहन वैद्य जी के पास था. 2018 में उनको अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख की जिम्मेवारी सौंप दी गयी. इसी मार्च महीने में जब दत्रात्रेय होसबले संघ के सरकार्यवाह बने तो अरुण कुमार को भी सह सरकार्यवाह की नयी जिम्मेदारी मिली और इनका केन्द्र भोपाल कर दिया गया.
 
जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र का गठन
जम्मू-कश्मीर में प्रचारक रहते हुए वहां के अनुभवों के आधार पर अरुण कुमार ने  जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र नाम से एक नये प्रकल्प की शुरुआत की. संघचालक डॉ. मोहनराव भागवत के हाथों 2012 में नागपुर में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र की शुरुआत हुई. प्रारंभ से अभी तक इसका केन्द्र दिल्ली रहा. अब इसका परिवर्तित नाम जम्मू-कश्मीर-लद्दाख अध्ययन केन्द्र हो गया. आशुतोष भटनागर अभी इसके संयोजक हैं.
 
संघ-बीजेपी समन्वय का काम उसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. देश-समाज से जुड़े सवालों और उसपर संघ के दृष्टिकोण को बीजेपी तक पहुंचाना, बीजेपी की योजना और कार्यप्रणाली से संघ के शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराना, यह समन्वयकर्ता का मुख्य काम होता है.
इसी तरह चुनाव कार्य में भी संघ के कार्यकर्ताओं की जरुरत और उपयोगिता के आधार पर प्रबंधन समन्वयक ही तय करता है. इस रुप में कहें तो अरुण कुमार के जिम्मे एक महती जिम्मेदारी सौंभी गयी है.


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