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विधायक ममता देवी को 5 साल की सजा, विधायकी जाना निश्चित, हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी

14-12-2022 13:00:53 IST

न्यूज़ 4 डेस्क, न्यूज़ 4 डेस्क

रामगढ़। हजारीबाग व्यवहार न्यायालय के एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश कुमार पवन की अदालत ने फैसला सुनाया जिसमे रजरप्पा थाना कांड संख्या 79-2016 के तहत 13 आरोपियों को दोषी करार देते हुए अलग-अलग धाराओं में सजा सुनायी और जुर्माना लगाया है. रामगढ़ से कांग्रेस की विधायक ममता देवी समेत सभी 13 आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा सुनायी गयी है. साथ ही 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है.

ममता देवी को सश्रम 5 साल का कारावास
विधायक ममता देवी को धारा-148 और 332 में दो साल सश्रम कारावास की भी सजा सुनायी गयी है. जबकि, धारा-333 और धारा-307 में पांच साल की सजा व 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. विधायक को पांच वर्ष की सजा सुनाये जाने के बाद इनकी विधायकी जानी तय है. ममता देवी की विधायकी सजा की तारीख से ही निरस्त मानी जायेगी. दोषी करार होने दिये जाने के बाद न्यायालय ने सभी दोषियों को हजारीबाग स्थित जेपी केंद्रीय कारा भेज दिया था. इनके नाम हैं विधायक ममता देवी, राजीव जायसवाल, लाल बहादुर महतो, बासुदेव प्रसाद, मनोज पुजहर, सुभाष महतो, बालेश्वर भगत, कुंवर महतो, दिलदार अंसारी, अभिषेक सोनी, आदिल इनामी, यदु महतो, ममता देवी और कौलेश्वर महतो.
 
2016 में हुए आंदोलन का था मामला
रामगढ़ के गोला प्रखंड स्थित आइपीएल फैक्टरी में जमीन अधिग्रहण व मजदूरों की समस्याओं को लेकर 29 अगस्त 2016 को आंदोलन हुआ था. नागरिक चेतना मंच गोला के बैनर तले इनलैंड पावर लिमिटेड के मुख्य गेट के पास सैकड़ों लोग प्रदर्शन कर रहे थे. आंदोलन उग्र होने पर पुलिस को 47 राउंड गोली चलानी पड़ी. इस दौरान दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी थी, जबकि आठ घायल हुए थे. इस मामले को लेकर गोला बीडीओ दिनेश कुमार सुरीन ने रजरप्पा थाना में 79-2016 के तहत मामला दर्ज कराया था. इसमें 50 नामजद और 400 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था.
 
हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी
ममता देवी को सजा सुनाये जाने के बाद उनके पति बजरंग महतो अपने तीन माह के बच्चे के साथ पत्रकारों के समक्ष आये. उन्होंने का कि ममता देवी के जेल जाने से हमारा परिवार घबरानेवाला नहीं है. मेरा तीन माह का बेटा हमलोगों को हिम्मत देगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि अदालत के फैसले का सभी सम्मान करते हैं. लेकिन अब मामले को को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जायेगी.
 
सजा पूरी करने के बाद भी छह साल तक नहीं लड़ पायेंगी चुनाव
देश में लागू जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में जनप्रतिनिधियों जैसे सांसदों व विधायकों के किसी आपराधिक मामले में सजा सुनाने जाने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त करने और चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है. इसके तहत किसी सांसद या विधायक के दो साल या इससे अधिक की सजा होने पर उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है. साथ ही सजा की अवधि पूरी होने के बाद अगले छह साल के लिए उसके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध रहता है.


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