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चीनी कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल इन देशों को पड़ा भारी, अब पाकिस्तान-नेपाल का क्या होगा?

23-06-2021 22:06:18 IST

NEWS4, DESK REPORT
पेइचिंग। कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे लोगों को बचाने के लिए सभी देश वैक्सीनेशन प्रोग्राम को जोर-शोर से चला रहे हैं। सीमित मात्रा में उत्पादन होने के कारण देशों के पास कोई च्वाइस नहीं बची है। यही कारण है कि बहुत से देश चीन की सिनोफॉर्म वैक्सीन के भरोसे महामारी पर काबू पाने का ख्वाब देख रहे हैं। हालांकि, अब उन्हें चीनी वैक्सीन पर भरोसा करना भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और नेपाल में भी धड़ल्ले से चीनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके बाद इन देशों में भी कोरोना संकट बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।
 
चीनी वैक्सीन से कोरोना खत्म करने का देख रहे थे ख्वाब
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पड़ोसी मंगोलिया ने वादा किया था कि वह गर्मी तक चीनी वैक्सीन के सहारे कोरोना को खत्म कर देगा। बहरीन ने इसी वैक्सीन का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि जल्द ही सभी की सामान्य जीवन में वापसी होगी। सेशेल्स तो अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए इस वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहा था। इतना ही नहीं, चिली में तो चीनी वैक्सीन लगने के बाद इतने लोग संक्रमित हुए हैं कि विशेषज्ञों को चेतावनी देनी पड़ी है।
 
वैक्सीनेशन के बावजूद इन देशों में तबाही
इन चारों देशों ने आसानी से उपलब्ध चीनी वैक्सीन पर भरोसा किया। लेकिन, अब ये सभी देश कोरोना वायरस से मुक्ति के बजाए संक्रमण के मामलों में आई भीषण उछाल से डरे हुए हैं। चीन ने पिछले साल के अंत में वैक्सीन डिप्लोमेसी के सहारे दुनियाभर के देशों को अपने झंडे तले लाने की मुहिम शुरू की थी। उसे डर था कि भारत और अमेरिका कहीं दुनिया को वैक्सीन सप्लाई कर अपना मुरीद न बना लें।


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