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5 महीने बाद नीचे आई थोक महंगाई, जून में रही 12.07%

14-07-2021 16:06:00 IST

एजेंसी, रिपोर्ट
थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति (WPI) जून में मामूली रूप से घटकर 12.07 प्रतिशत रह गई। इसकी वजह कच्चे तेल और खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी रही। हालांकि, डब्ल्यूपीआई जून में लगातार तीसरे महीने दोहरे अंकों में रही, जिसका मुख्य कारण पिछले साल का कम आधार है। जून 2020 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति ऋणात्मक 1.81 प्रतिशत थी। मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों की महंगाई बनी रहने के बावजूद खाद्य पदार्थों और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते लगातार पांच महीनों की तेजी के बाद जून में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में नरमी आई।
 
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जून 2021 (जून 2020 के मुकाबले) में 12.07 प्रतिशत है, जो जून 2020 में ऋणात्मक 1.81 प्रतिशत थी।’’ बयान में कहा गया, ‘‘जून 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से कम आधार प्रभाव और पेट्रोल, डीजल (एचएसडी), नेफ्था, एटीएफ, फर्नेस ऑयल जैसे खनिज तेलों और मूल धातु, खाद्य उत्पाद, रासायनिक उत्पाद जैसे मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के कारण है।’’
 
खाद्य वस्तुओं की महंगाई घटकर 3.09 प्रतिशत
समीक्षाधीन अवधि में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति घटकर 32.83 प्रतिशत हो गई, जो मई में 37.61 प्रतिशत थी। इसी तरह खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति भी जून में घटकर 3.09 प्रतिशत रह गई, जो मई में 4.31 प्रतिशत थी। हालांकि, इस दौरान प्याज महंगी हुई। मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों की मुद्रास्फीति जून में 10.88 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने में 10.83 प्रतिशत थी।


Disclaimer: यह खबर एजेंसी से ली गई है. न्यूज़4 ने इस खबर को एडिट नहीं किया है.

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